सर्दियों का टाइम था, दो दिन लगातार होती बर्फ़बारी के बाद हमारे भीतर का केजरीवाल उछलने लगा। अपनी बन्दरलस्टी की हुड़क को शांत करने के लिए अगले ही दिन कूच किया जाता है। कई घण्टे बर्फ में चलते-चलते हमारे मटर छिल जाते हैं। ऐसे नजारे देखकर अपने 'फ्री सोल' होने पर गर्व होता है। आपने कहाँ देखा है ऐसा नजारा?
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